AMRITA IMROZ ~~~~~~~~~~~A DEPTHLESS....................................... OCEAN~~~~~~~~~~~~~~
11/20/2011
अमृता ,...
अमृता ,...
ख़ामोशी की एक नदी, जो आज भी बहती है
राज़ है गहरे, आँखों ही आँखों में कहती है ....
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)